Saturday, 9 September 2017

bahut si baatain aur thoda sa waqt

बहुत  सी बातें ऐसी
जो बिना कहे भी सुन जाती हैं
और बहुत सा वक़्त ऐसा
जो बिना सुने भी कट जाता हैं
पर बहुत सी बातें ऐसी
जो केहनी जरूरी हैं
और बहुत सा वक़्त ऐसा
जो सुने बिना कटता नहीं।

पर बहुत सी बातें ऐसी
जो याद आती हैं
और बहुत सा वक़्त ऐसा
जो थम जाता हैं
पर बहुत सी बातें ऐसी
जो चुभ जाती हैं
और बहुत सा वक़्त ऐसा
जो कभी रुकता नहीं।

Saturday, 25 February 2017

पास हो नहि

तुम पास हो, पर हो नहीं
उदास हो, पर हो नहि
चाहत की मीनार पे नाम तो कई बार लिखा
लेकिन
साथ हो कर की भी, हो नहि

Friday, 24 February 2017

उल्फ़त

 गमे उल्फ़त के तो हम भी मारे हैं
उदासी का क्या है, आती और चले जाती है
ग़म तो इस बात का है शौक़ीन
हमें ग़म की गवाही राज़ नहि आती
और उन्हें बस ग़म की वकालत आती हैं